आयकर रिटर्न फाइलिंग की नई तारीखें और नियम असेसमेंट वर्ष 2025-26 के लिए: एक व्यापक गाइड
1 अप्रैल 2025 से, भारतीय सरकार ने असेसमेंट वर्ष (AY) 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की समयसीमा और नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो वित्तीय वर्ष (FY) 2024-25 से संबंधित हैं। इन बदलावों का उद्देश्य टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाना और अनुपालन सुनिश्चित करना है, लेकिन इनके साथ नई समयसीमाएं, संशोधित फाइलिंग विकल्प और देरी पर जुर्माना भी जुड़े हैं। चाहे आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हों, व्यवसायी हों, या पिछले गलतियों को सुधारना चाहते हों, इन बदलावों को समझना जरूरी है ताकि भारी जुर्माने से बचा जा सके और टैक्स लाभ को अधिकतम किया जा सके। इस विस्तृत ब्लॉग पोस्ट में, हम मुख्य बिंदुओं को रोचक क्रम में प्रस्तुत करेंगे ताकि आप पूरी तरह से सूचित रहें और कार्रवाई के लिए तैयार हों। चलिए शुरू करते हैं!
# 1. नई ITR फाइलिंग व्यवस्था का परिचय
टैक्स समुदाय में इस बदलाव की खूब चर्चा हो रही है! 1 अप्रैल 2025 से सरकार ने ITR फाइलिंग शेड्यूल को नया रूप दिया है, जो अधिक लचीलापन प्रदान करता है लेकिन सख्त अनुपालन भी सुनिश्चित करता है। अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया है या मूल सबमिशन में कोई गलती की है, तो आपके पास अभी भी विकल्प हैं—लेकिन इसके लिए कुछ कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह ब्लॉग आपको नई समयसीमाओं, संशोधित रिटर्न फाइलिंग विकल्पों और देरी पर लगने वाले जुर्माने के बारे में गाइड करेगा। अंत तक बने रहें ताकि हर बारीकी को समझ सकें और महंगी गलतियों से बच सकें। हमारे WhatsApp चैनल (कमेंट्स में QR कोड और लिंक) और @TAXGURUJI DIGITAL YouTube चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें ताकि नियमित अपडेट मिलते रहें!
2. असेसमेंट वर्ष 2025-26 के लिए मूल ITR फाइलिंग की समयसीमा
सबसे महत्वपूर्ण अपडेट से शुरू करते हैं: असेसमेंट वर्ष 2025-26 (वित्तीय वर्ष 2024-25) के लिए मूल ITR फाइलिंग की समयसीमा निम्नलिखित है:
- **गैर-ऑडिट मामले (कोई व्यवसाय आय नहीं या टर्नओवर < ₹1 करोड़):** अगर आपकी आय वेतन, निवेश या अन्य स्रोतों से है और टैक्स ऑडिट की जरूरत नहीं है, तो आपको ITR 31 जुलाई 2025 तक फाइल करना होगा। आप पुरानी टैक्स व्यवस्था (डिडक्शन्स के साथ) या नई टैक्स व्यवस्था (सरल स्लैब के साथ कम डिडक्शन्स) में से चुन सकते हैं, यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
- **ऑडिट मामले (टर्नओवर ≥ ₹1 करोड़ या व्यवसाय आय के साथ ऑडिट):** अगर आपका व्यवसाय टर्नओवर ₹1 करोड़ से अधिक है या टैक्स ऑडिट की जरूरत है, तो समयसीमा 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ जाती है।
लेकिन इसमें एक पेंच है! आपकी टैक्स व्यवस्था का चयन पिछले साल के निर्णय पर निर्भर करता है:
- अगर आपने पिछले साल पुरानी व्यवस्था चुनी और बाहर निकल गए, तो आपको AY 2025-26 के लिए भी पुरानी व्यवस्था में ही रिटर्न फाइल करना होगा, जब तक कि आप इनकम टैक्स पोर्टल पर फॉर्म 10 IE-A फाइल करके नई व्यवस्था में वापस नहीं आते। ध्यान दें: नई व्यवस्था में स्विच एक बार का विकल्प है—एक बार चयन करने के बाद आप पुरानी व्यवस्था में वापस नहीं जा सकते।
- अगर आप पिछले साल नई व्यवस्था में थे, तो आप उसी को जारी रख सकते हैं या फॉर्म 10 IE-A फाइल करके पुरानी व्यवस्था चुन सकते हैं, बशर्ते समयसीमा से पहले फॉर्म जमा कर दें।
यह लचीलापन एक बड़ा बदलाव है, लेकिन सावधानीपूर्वक योजना की जरूरत है। समयसीमा चूकने या गलत व्यवस्था चुनने से अधिक टैक्स या जुर्माना लग सकता है, तो आइए देखें कि अगर आप इन तारीखों को मिस कर दें तो क्या विकल्प हैं।
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#### 3. संशोधित ITR: समय पर की गई गलतियों को सुधारें
मूल ITR में गलती हो गई? घबराएं नहीं! आप संशोधित ITR फाइल करके गलतियों को ठीक कर सकते हैं, और नई नियमावली आपको पर्याप्त समय देती है:
- **समयसीमा:** आप 31 दिसंबर 2025 तक अपने ITR को संशोधित कर सकते हैं, चाहे आपने 31 जुलाई 2025 (गैर-ऑडिट मामले) या 31 अक्टूबर 2025 (ऑडिट मामले) तक रिटर्न फाइल किया हो।
- **लागत:** सबसे अच्छी बात? इस अवधि के भीतर संशोधन पर कोई जुर्माना या अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता। यह उन लोगों के लिए एक राहत है जो गलती से आय छोड़ देते हैं या गलत डिडक्शन्स क्लेम करते हैं।
हालांकि, अगर आप 31 दिसंबर 2025 की समयसीमा मिस कर देते हैं, तो संशोधन पर शुल्क लगेगा, जिसे हम बाद में चर्चा करेंगे। यह प्रावधान तुरंत गलतियों को ठीक करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे प्रक्रिया करदाता के लिए अधिक अनुकूल हो जाती है।
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#### 4. विलंबित रिटर्न फाइलिंग: अगर मूल समयसीमा चूक जाए तो क्या करें?
जीवन व्यस्त हो जाता है, और कभी-कभी 31 जुलाई या 31 अक्टूबर की समयसीमा मिस हो जाती है। चिंता न करें—विलंबित रिटर्न के साथ एक रास्ता है:
- **समयसीमा:** आप 31 दिसंबर 2025 तक विलंबित ITR फाइल कर सकते हैं।
- **प्रतिबंध:** मूल फाइलिंग के विपरीत, विलंबित रिटर्न आपको नई टैक्स व्यवस्था में बांध देता है। आप पुरानी व्यवस्था के साथ डिडक्शन्स का विकल्प नहीं चुन सकते।
- **विलंब शुल्क:** जुर्माना आपकी कुल आय पर निर्भर करता है:
- अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख तक है, तो आपको ₹1,000 का विलंब शुल्क देना होगा।
- अगर आपकी कुल आय ₹5 लाख से अधिक है, तो विलंब शुल्क बढ़कर ₹5,000 हो जाता है।
“कुल आय” की गणना नई व्यवस्था में बदल गई है। पहले, मानक कटौती (₹50,000) या बीमा प्रीमियम जैसे डिडक्शन्स आपकी करयोग्य आय को कम करते थे। अब, नई व्यवस्था में ₹75,000 की मानक कटौती के साथ, आपकी सकल आय आपको उच्च विलंब शुल्क श्रेणी में धकेल सकती है। उदाहरण के लिए, ₹6.5 लाख की सैलरी पर ₹75,000 की कटौती के बाद भी आय ₹5 लाख से अधिक रहती है, जिससे ₹5,000 का शुल्क लगता है। यह समय पर फाइलिंग की अहमियत को रेखांकित करता है ताकि ये लागतें टाली जा सकें।
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#### 5. अद्यतन रिटर्न फाइलिंग: पिछले ओवरसाइट्स को ठीक करें
अगर आपने पिछले वर्षों के लिए रिटर्न फाइल नहीं किए, तो क्या करें? सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से अद्यतन रिटर्न फाइलिंग के लिए नई तारीखें पेश की हैं:
- **पात्रता:** आप पिछले चार असेसमेंट वर्षों (AY 2022-23 से AY 2025-26) के लिए अद्यतन रिटर्न फाइल कर सकते हैं, बशर्ते संबंधित असेसमेंट वर्ष खत्म होने के बाद तीन साल के भीतर फाइल करें।
- **समयसीमाएं और अतिरिक्त कर:**
- AY 2022-23 (FY 2021-22) के लिए, अगर आप मूल समयसीमा मिस कर गए, तो आप 31 मार्च 2025 तक 25% अतिरिक्त कर के साथ फाइल कर सकते थे। चूंकि वह तारीख बीत गई, अब आप 31 मार्च 2026 तक 60% अतिरिक्त कर या 31 मार्च 2027 तक 70% अतिरिक्त कर के साथ फाइल कर सकते हैं।
- AY 2023-24 (FY 2022-23) के लिए, अद्यतन रिटर्न की समयसीमा 31 मार्च 2026 (50% अतिरिक्त कर) या 31 मार्च 2027 (60%) है, और इसी तरह आगे बढ़ता है।
- AY 2024-25 (FY 2023-24) के लिए, आप 31 मार्च 2026 तक 25% अतिरिक्त कर के साथ फाइल कर सकते हैं।
- **सीमाएं:** आप अद्यतन रिटर्न में रिफंड क्लेम नहीं कर सकते या नुकसान दर्ज नहीं कर सकते, और एक बार फाइल करने के बाद इसे संशोधित या फिर से फाइल नहीं कर सकते। आयकर विभाग इन रिटर्न को फाइलिंग के वित्तीय वर्ष के अंत से 12 महीने के भीतर प्रोसेस करता है।
यह प्रावधान एक दोधारी तलवार है। यह आपको पिछले गलतियों को ठीक करने का मौका देता है, लेकिन बढ़ते अतिरिक्त कर (25% से 70%) समय पर फाइलिंग को प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपका कर दायित्व ₹1 लाख है, तो AY 2022-23 के लिए 31 मार्च 2026 तक फाइल करने पर आपको ₹1.6 लाख चुकाने होंगे। योजना बनाएं!
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#### 6. प्रमुख takeaways और कार्रवाई योजना
AY 2025-26 के लिए नई ITR फाइलिंग नियमावली दोनों अवसर और चुनौतियां लाती है। यहाँ एक त्वरित सारांश है:
- मूल ITR को 31 जुलाई 2025 (गैर-ऑडिट) या 31 अक्टूबर 2025 (ऑडिट) तक फाइल करें ताकि जुर्माने से बचा जा सके।
- गलतियों को 31 दिसंबर 2025 तक बिना अतिरिक्त लागत के संशोधित करें।
- विलंबित रिटर्न को 31 दिसंबर 2025 तक फाइल करें, लेकिन आय के आधार पर ₹1,000 या ₹5,000 का विलंब शुल्क दें।
- पिछले रिटर्न को तीन साल के भीतर अद्यतन करें, जिसमें देरी के अनुसार 25% से 70% अतिरिक्त कर देना होगा।
संदेश स्पष्ट है: समय पर फाइलिंग पैसे और तनाव बचाती है। अगर आपने पिछली समयसीमाएं मिस की हैं, तो जल्दी कार्रवाई करें ताकि अतिरिक्त लागत कम हो। आयकर विभाग अद्यतन रिटर्न पर समयसीमा के भीतर कोई जुर्माना नहीं लगाएगा, लेकिन इसके बाद नोटिस जारी हो सकते हैं।
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#### 7. सूचित रहें और जुड़ें
ये बदलाव तो बस शुरुआत हैं! टैक्स परिदृश्य लगातार बदलता है, और अपडेटेड रहना आपकी सबसे अच्छी रक्षा है। @TAXGURUJIDIGITAL YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें, हमारे Telegram ग्रुप (@TAXGURUJIDIGITAL टैक्स) से जुड़ें, और WhatsApp अपडेट्स का पालन करें। इस ब्लॉग को दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, और अपने सवाल कमेंट्स में पूछें—हम आपकी मदद के लिए हैं!
अंत में, AY 2025-26 के लिए नई ITR फाइलिंग तारीखें और नियम लचीलापन प्रदान करते हैं लेकिन मेहनत की मांग करते हैं। चाहे आप समय पर फाइल करें, गलतियों को सुधारें, या पिछली कमियों को पूरा करें, इन प्रावधानों को समझना अनुपालन और वित्तीय शांति सुनिश्चित करता है। अपने कैलेंडर चिह्नित करें, समझदारी से फाइल करें, और इस टैक्स सीजन को एक साथ नेविगेट करें!
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